शानदार 7 वेबसाइटें!
ये वे वेबसाइटें हैं जिनके बिना आज इंटरनेट और जीवन की कल्पना करना मुश्किल है. जिस किसी व्यक्ति ने एक बार भी इंटरनेट का इस्तेमाल किया होगा उसने इन सभी अथवा इनमें से अधिकतर साइटों को ब्राउज़ किया ही होगा. ये वे साइटें हैं जो अपने आप में एक मिसाल हैं -विकीपीडिया
जानकारी प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है विकीपीडिया. आज किसी भी विषय पर आधारित खोज कीजिए और पहला लिंक आपको विकीपीडिया का ही मिलेगा. विकीपीडिया के आगमन से पहले भी ओनलाइन इंसिक्लोपीडिया तो कई थे, लेकिन उन सभी में कम ही जानकारियाँ होती थी और उनका इस्तेमाल कठीन था.
लेकिन विकीपीडिया के आगमन के साथ ही पूरी परिस्थिति बदल गई. विकीपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है. इसे कोई भी व्यक्ति सम्पादित कर सकता है और लाखों स्वयंसेवकों की वजह से हर दिन इसका ज्ञानकोष का कद कई गुना बढ रहा है.
आज यह ज्ञानकोष मात्र अंग्रेजी ही नहीं लगभग हर भारतीय तथा अन्य वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध है.
शुरूआत : 15 जनवरी 2001
निर्माता : जिम्मी वालेस, लैरी सैंगर
भाषाएँ : 240
हॉटमेल
आज की नई पिढी शायद इस नाम को ना पहचाने या पहचाने भी तो ध्यान ना दे, परंतु हॉटमेल ने किसी समय ईमेल की परिभाषा को ही बदल दिया था. हॉटमेल से पहले ईमेल करना और ईमेल प्राप्त करना दुरूह कार्य होता था. ओनलाइन ईमेल क्लाइंट सोफ्टवेर उपलब्ध नहीं था. आप जब ईमेल को अपने एक पीसी पर डाउनलोड करते तो रिमोट सर्वर से वह डिलिट हो जाता. यानी कि एक ईमेल एक ही स्थान पर देखा जा सकता था.
हॉटमेल ने वेबमेल की शुरूआत की. हॉटमेल को किसी भी पीसी से ब्राउज़ किया जा सकता था. किसी मेल को कितनी भी बार किसी भी स्थान से खोला जा सकता था. शब्बीर भाटिया और कुछ अन्य लोगों की इस खोज ने ईमेल करने के तौर तरीकों को बदल दिया. बाद में माइक्रोसोफ्ट ने हॉटमेल को खरीद लिया और अब यह ब्रांड समाप्त हो चुका है और उसकी जगह माइक्रोसोफ्ट लाइव मेल ने ले ली है. लेकिन हॉटमेल को लोग आज भे याद करते हैं.
शुरूआत : 4 जुलाई, 1996
निर्माता : शब्बीर भाटिया तथा अन्य
अधिग्रहण : माइक्रोसोफ्ट
फेसबुक
फेसबुक विश्व की सबसे लोकप्रिय सोश्यल नेटवर्किंग साइट है. अमेरिका जैसे देश में तो इसने गूगल को भी पीछे छोड़कर सबसे लोकप्रिय साइट होने का गौरव भी प्राप्त कर लिया है. फेसबुक के प्रयोक्ता करोड़ों में हैं और कई लोगों का तो दिन और रात फेसबुक पर ही बीतता है.
लेकिन फेसबुक पहली सोश्यल नेटवर्किंग साइट नहीं थी. लेकिन इसने सोश्यल नेटवर्किंग के सिद्धांत को बदला. फेसबुक ने थर्ड पार्टी अप्लिकेशनों को मंजूरी देकर अपनी लोकप्रियता में तेजी से बढोत्तरी की. फेसबुक लोकप्रिय बना रहा क्योंकि उसने खुद को समय के हिसाब से बदला.
शुरूआत : 4 फरवरी, 2004
निर्माता : मार्क ज़करबर्ग
ट्विटर
क्या राजनेता, क्या अभिनेता, क्या समाज सेवक, क्या धर्म गुरू, क्या आम नागरिक. आज हर कोई ट्विटर पर मौजूद है. 140 अक्षरों के साथ आप दुनिया भर से जुड जाते हैं. क्या कुछ साल पहले तक कोई कल्पना कर सकता था कि एक सामान्य व्यक्ति बिल गेट्स, प्रियंका चोपड़ा, शशि थरूर आदि कई नामी गिरामी हस्तियों से सीधे सवाल पूछ सकता है और उसे अमूमन जवाब भी मिलता है!
यह ट्विटर का कमाल है, जिसने आम और खास का भेद मिटा दिया है. अब हर “खास” आदमी ट्विटर के माध्यम से आम दुनिया से जुडना चाहता है. दुनिया भर की सरकारें इस सेवा से डरने लगी है क्योंकि सूचना का अति तेज माध्यम पल भर में पल पल की खबर दुनिया के कोने कोने में पहुँचा रहा है.
ट्विटर आज जीवन का एक हिस्सा बन गया है.
शुरूआत : 2006
निर्माता : जैक डोर्सी, इवान विलियम्स, बिज़ स्टोन
यूट्यूब
यूट्यूब ने मनोरंजन के मायने बदल दिए. यूट्यूब से पहले ओनलाइन वीडियो देखने का कोई अच्छा माध्यम नहीं था. यूट्यूब की शुरूआत जब हुई तब भारत में काफी कम बैंडविथ ही उपलब्ध थी और लोग सोचते थे कि यह साइट नहीं चलेगी, क्योंकि भारी भरकम वीडियो लोग देखेंगे कैसे? लोग अपनी साइटों पर वीडियो अपलोड नहीं करते थे, क्योंकि इससे उनका बैंडविथ खर्च अतिशय बढ जाता.
लेकिन यूट्यूब के आगमन के साथ ही परिस्थिति बदल गई. यूट्यूब ने लोगों को चौंका दिया. अब मुफ्त में वीडियो अपलोड किए जा सकते थे और उन्हें किसी भी साइट पर लगाया भी जा सकता था.
आज गूगल द्वारा अधिग्रहित कर ली गई इस सेवा पर हजारों वीडियो रोजाना अपलोड होते हैं और लाखों लोग उन्हें देखते हैं.
शुरूआत : फरवरी 2005
निर्माता : चाड हर्ली, जावेद करीम, स्टीव चैन
अधिग्रहण : गूगल (2006)
गूगल
नाम ही काफी है. इंटरनेट की सामान्य सी समझ रखने वाला शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसे गूगल के बारे में पता नहीं होगा. गूगल यानी खोज, खोज यानी गूगल. लोग यही तो कहते हैं- अच्छा फँलानी जानकारी चाहिए? गूगल कर लो ना!
आज इंटरनेट पर चाहे जो करते हों, एक ना एक बार गूगल पर जरूर जाते होंगे. गूगल पर खोज ना भी करें तो उसकी असंख्य मुफ्त सेवाओं का इस्तेमाल तो करते ही होंगे. जीमेल है, रीडर है, ब्लॉग स्पोट है, पिकासा है, यूट्यूब है... सूचि लम्बी है. सोचिए!
शुरूआत : 4 सितम्बर 1998
निर्माता : सर्जेई ब्रिन, लॉरेंस पैज
एमेज़न
खरीददारी ऐसे भी हो सकती है! बिना दुकान में जाए, घर बैठे. बस लोगिन कीजिए, अपनी पसंद का उत्पाद चुनिए, क्रेडिट कार्ड से भुगतान कीजिए और हो गया! घर बैठे आपको अपना सामान मिल जाएगा. एमेज़न ने लोगों की खरीददारी की आदत को बदल दिया. आज इंटरनेट पर असंख्य ओनलाइन शोपिंग साइटें है. लेकिन इस उद्योग की नीवं एमेजन ने रखी थी.
शुरूआत : 1994
निर्माता : जैफरी बिज़ोज